लाइव पलामू न्यूज/मेदिनीनगर: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता सूर्यपत सिंह जिला भाकपा सचिव रुचिर कुमार तिवारी नौजवान संघ के जिला सचिव अभय कुमार भूइंया, आलोक कुमार तिवारी, सोहेल अख्तर एवं श्रद्धानंद तिवारी, चंद्रशेखर तिवारी ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि कल का दिन (28 मई)आजाद भारत के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। मोदी जी ने जिस प्रकार से नये संसद भवन का उद्घाटन किया और जिस तरह से ब्रिटिश साम्राज्यवाद का देश के नए प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सत्ता हस्तांतरित करते समय जिस मंत्रोच्चारण के साथ सेंगोंल समर्पण किया था।
उसी तरह से मोदी जी ने दंडवत करते हुए उसे प्राप्त किया। और संसद के निचले सदन लोकसभा के अध्यक्ष के बगल में स्थापित किया। वह साम्राज्यवादी सोच का परिचालक है। जिस समय नेहरु को अंग्रेजों द्वारा सत्ता हस्तांतरित करने के समय सौंपा गया था उस समय देश में लोकतंत्र स्थापित नहीं हुआ था और जब लोकतंत्र स्थापित हो गया तो सेंगोल का कोई महत्व नहीं रहा। परंतु मोदी जी ने इसी ब्रिटिश साम्राज्यवाद का नमूना स्थापित कर अपनी सोच को जाहिर किया। वहीं देश की आदिवासी महिला राष्ट्रपति जो देश का प्रथम नागरिक एवं दोनों सदनों का सर्वोपरि सदस्य होता है। उसे आमंत्रित न करना प्रधानमंत्री के रूप में अपने को सर्वोपरी साबित कर दलितों को अपमान करने का प्रयास किया है।
वही दिल्ली के जंतर मंतर पर गोल्ड मेडलिस्ट पहलवानों ने यौन शोषण के खिलाफ भाजपा के सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे थे। उनको जबरन पुलिस बल से पिटवाया गया और पोस्को एक्ट के तहत एफ आई आर दर्ज हुआ भाजपा के सांसद बृजभूषण सिंह ने संसद भवन में जाकर कानून का मजाक उड़ा रहा है । जिसका हम निंदा करते हैं। हिंदुस्तान मोदी जी के इस अपमान को नहीं सहेगा।
भारत के संविधान के अनुच्छेद- 79 के अनुसार संसद, भारत के राष्ट्रपति और संसद के दोनों सदनों से मिलकर बनती है राष्ट्रपति ही सदनों के सत्र को आहूत करता है, स्थगित और समापन करता है।संवैधानिक भावना के अनुसार’राष्ट्रपति’ ही भारतीय संसद का जीवन्त प्रतीक है। राष्ट्र का प्रथम नागरिक, संवैधानिक प्रधान और संसद का भौतिक प्रतीक को ही नए संसद भवन के उद्घाटन पर आमंत्रित नहीं किया गया यह संविधान के मूल भावना पर कुठाराघात है।