लाइव पलामू न्यूज: गुरुवार से हो रही मूसलाधार बारिश ने नेपाल के कई हिस्सों में कई इलाकों में बाढ़ आ गया है। वहीं कई जगहों पर भूस्खलन भी हुआ है। इस भूस्खलन और बाढ़ ने नेपाल में भारी तबाही मचा रखी है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान काठमांडू घाटी में हुआ है। शनिवार रात तक भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 112 लोगों की मौत हो गयी है। इनमें से 34 लोगों की मौत काठमांडू घाटी में हुई है।
वहीं कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। काठमांडू में 226 मकान जलमग्न हो गये हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में कई राजमार्ग और पुल नष्ट हो गये हैं। देश के बाकी हिस्सों से काठमांडू से जोड़ने वाले राजमार्गों सहित लगभग सभी राजमार्ग पर आवागमन ठप है। नेपाल पुलिस ने प्रभावित इलाकों में नेपाल पुलिस ने करीब तीन हजार सुरक्षाकर्मियों की बचाव टीम तैनात की है।
इस संबंध में नेपाल के गृह मंत्रालय प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने बताया शनिवार रात 10:30 बजे तक बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 99 लोगों की मौत हुई है। वहीं 69 लोग लापता हैं। जबकि 100 लोग घायल हैं। सुरक्षा बलों ने 3000 से अधिक लोगों को बचाया है। देश के विभिन्न हिस्सों में कई राजमार्ग और पुल नष्ट हो गये हैं। देश के बाकी हिस्सों से काठमांडू से जोड़ने वाले राजमार्गों सहित लगभग सभी राजमार्ग पर आवागमन ठप है। इधर कार्यवाहक प्रधानमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री प्रकाश मान सिंह ने गृहमंत्री, गृह सचिव और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों समेत विभिन्न मंत्रियों की एक आपात बैठक की। जिसमें उन्होंने खोज तथा बचाव अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया।
सरकार ने नेपाल में सभी स्कूलों को मंगलवार तक बंद रखने और पूर्व निर्धारित सभी विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्देश दिया है। वहीं घायलों का मुफ्त इलाज और बेघर लोगों को जल्द से जल्द पुनर्वास का काम शुरू करने का फैसला लिया गया है। राजमार्गों को साफ करना भी सरकार की पहली प्राथमिकता है।
बताते चलें कि नेपाल में इस वर्ष मानसून के दौरान औसत से अधिक वर्षा हुई है। शनिवार को काठमांडू में हुई बारिश 1970 के बाद से सबसे अधिक बारिश दर्ज की गयी। उल्लेखनीय है कि 1970 में ही नेपाल ने पहली बार देश में बारिश को मापने और रिकॉर्ड करने की प्रणाली शुरू की थी।