लाइव पलामू न्यूज/मेदिनीनगर: विगत दिनों पलामू प्रमंडलीय हॉस्पिटल मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से हाई फ्लो मशीन में आग लग गई थी। इस दौरान समझ और सूझबूझ दिखाकर नवजातों की जान बचाने और घटना को नियंत्रित करने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वाथ्यकर्मियों को शनिवार को सम्मानित किया गया। शनिवार को एमएमसीएच में जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

जिसमें बतौर मुख्य अतिथि सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार उपस्थित थें। सिविल सर्जन ने बच्चा वार्ड के इंचार्ज और एचओडी डा. गौरव विशाल, डा. रजी के अलावा जीएनएम कुमारी ममता त्रिशूल, ओरिया दयानी एवं टेक्नीशियन रवि कुमार चन्द्रवंशी को मोमेंटो, प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि सम्मानित करने का उद्देश्य अन्य स्टाफ में जागरूकता लाना है। ताकि वे आपदा के समय समझ और सूझबूझ का परिचय दे सकें। घटना के बाद एसएनसीयू वार्ड में कार्यरत डाक्टर और अन्य स्टाफ ने रिएक्शन नहीं कर रेस्पॉड किया। जिसकी वजह से घटना को टाला जा सका। समझ और सूझबूझ के कारण पूरे सिस्टम को बचाया गया। घटना के बाद अगर स्टाफ घबरा जाते तो छोटी घटना बड़ी हो जाती। खासकर जीएनएम ममता और दयानी ने मौके पर तत्काल ऑक्सीजन और बिजली कनेक्शन काट दिया जिससे आग नहीं बढी और बड़ी घटना कल गयी।

सिविल सर्जन ने कहा कि पूर्व में जीएनएम को इस तरह की ट्रेनिंग दी गयी थी। जिसका समय आने पर फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर गोष्ठी आयोजित की जायेगी और ज्यादा से ज्यादा कर्मियों को जानकारी दी जायेगी ताकि घटनाओं के बाद निपटा जा सके। वहीं डाक्टर गौरव विशाल ने कहा कि घटना के तुरंत बाद एसएनसीयू वार्ड को खाली करा दिया गया था। किसी नवजात को कोई नुकसान नहीं होने दिया गया। चार घंटे बाद सिस्टम को ठीक कर पुनः उसी वार्ड में बच्चों को लाया गया। टीम वर्क के कारण बेहतर रिजल्ट मिला।

गौरतलब है कि 14 दिसंबर की अहले सुबह दो बजे एमएमसीएच के एसएनसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से हाई फ्लो मशीन में आग लग गयी थी। घटना के तुरंत बाद बिजली और ऑक्सीजन लाइन का कनेक्शन काट देने से बड़ा हादसा होने से टल गया था। घटना के वक्त वार्ड में आठ बच्चे भर्ती थें। उन्हें फोर्थ फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर पर लेबर वार्ड में शिफ्ट किया गया। करीब चार घंटे की मरम्मत के बाद वार्ड को पहले की तरह तैयार करके बच्चों को पुनः शिफ्ट किया गया था। जिस वक्त घटना हुई, उस वक्त एक बच्चे को ऑक्सीजन दिया जा रहा था।

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