दिल्ली : भारतीय रेलवे यात्रियों के सफर को सुविधाजनक, स्मार्ट और पारदर्शी बनाने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है। रेलवे ने घोषणा की है कि वर्ष 2025 के अंत तक एक नया और अत्याधुनिक पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) तैयार हो जाएगा, जिसकी टिकट बुकिंग क्षमता मौजूदा 32,000 टिकट प्रति मिनट से बढ़ाकर 1.5 लाख टिकट प्रति मिनट कर दी जाएगी। इसके साथ ही, टिकट पूछताछ की क्षमता भी दस गुना बढ़ाई जाएगी – अब प्रति मिनट 40 लाख से अधिक पूछताछ की जा सकेगी।

नया पीआरएस सिस्टम बहुभाषीय होगा और इसमें दिव्यांगजन, छात्र, रोगी सहित अन्य वर्गों के लिए विशेष सुविधाएं शामिल होंगी। उपयोगकर्ता अब सीट का चयन, किराया कैलेन्डर जैसी जानकारी आसानी से देख सकेंगे। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वेटलिस्ट यात्रियों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए आरक्षण चार्ट पहले बनाने का निर्णय लिया है।

अब दोपहर 02 बजे से पहले रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए चार्ट एक दिन पहले रात 09 बजे ही तैयार कर लिया जाएगा। इससे वेटलिस्ट यात्रियों को पहले से स्थिति की जानकारी मिल सकेगी और वैकल्पिक व्यवस्था करने का समय भी मिलेगा।

एक जुलाई से तत्काल टिकटों की बुकिंग अब केवल प्रमाणित यूज़र्स ही कर सकेंगे। इसके लिए आधार या कोई अन्य सरकारी पहचान पत्र की पुष्टि डिजीलॉकर के माध्यम से की जाएगी। जुलाई के अंत से इसमें ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण भी अनिवार्य होगा।

इससे बुकिंग प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनेगी। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, ये सभी सुधार स्मार्ट टिकटिंग, यात्रियों की सुविधा, और डिजिटल भारत की दिशा में उठाए गए अहम कदम हैं। रेलवे लगातार अपने सिस्टम को आधुनिक और नागरिकों के अनुकूल बनाने की दिशा में कार्यरत है।

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