LIVE PALAMU NEWS DESK : झारखंड ATS और पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, संगठित अपराध झारखंड में नक्सलवाद से भी बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि अब राज्य के कुख्यात गैंगस्टरों का नेटवर्क विदेशी आतंकियों, खासकर पाकिस्तान से जुड़े मॉड्यूल तक फैल चुका है।

इतना ही नहीं अमन साहू, प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा जैसे गैंगस्टरों के पाकिस्तान से कनेक्शन स्थापित हो चुके हैं। वहीं हथियारों की खेप विदेश से मंगाई जा रही थी, जबकि हवाला के जरिए लाखों–करोड़ों रुपये पाकिस्तान भेजे जाने के सबूत भी मिले हैं। संगठित गिरोह सिर्फ पैसे उगाही, रंगदारी और हथियार तस्करी तक सीमित नहीं हैं।
जांच में यह भी आशंका जताई गई है कि ये गैंग विदेशी आतंकियों को रेकी, लॉजिस्टिक सपोर्ट और मैनपावर मुहैया करा सकते हैं। इस कारण यह मामला अब केवल झारखंड नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। इस गंभीर खतरे के मद्देनजर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड ATS और पुलिस को सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
सरकार ने सभी एजेंसियों को फुल सपोर्ट का आश्वासन दिया है। ATS SP ऋषभ झा ने बताया कि विदेश में छिपे अपराधियों को प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। संगठित अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई में भी तेजी आई है। झारखंड के सबसे खतरनाक अपराधियों में प्रिंस खान का नाम सबसे ऊपर है, जो दुबई में अपने गुर्गों के साथ बैठकर गिरोह संचालित करता है।
उसके पाकिस्तान के आतंकी मॉड्यूल से संबंध की पुष्टि हुई है और उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है। इसी तरह राहुल सिंह और राहुल दुबे भी विदेश में छिपे हुए हैं। अमन साहू गिरोह के सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को अज़रबैजान से प्रत्यर्पण के बाद लाया गया, जिसने पूछताछ में पाकिस्तान से मिल रहे हथियार, हवाला और ड्रोन मॉड्यूल को लेकर कई खुलासे किए हैं।
संगठित अपराध और आतंकवादी संगठनों का गठजोड़ बेहद खतरनाक है। पुलिस इन गैंगों की जड़ों को काटने की दिशा में तेजी से कार्रवाई कर रही है। झारखंड में नक्सलवाद कमजोर पड़ा है, लेकिन अब संगठित अपराध और आतंकियों का यह ‘कॉकटेल’ एक नई अलार्मिंग सिचुएशन बनकर उभर रहा है. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह अब सबसे बड़ी चुनौती है।
आईजी ऑपरेशन डॉ. माइकलराज एस