मेदिनीनगर। पलामू रेंज के डीआईजी नौशाद आलम ने गुरुवार को अचानक व्यवहार न्यायालय परिसर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कई खामियां सामने आने पर उन्होंने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल सुधार के निर्देश दिए। डीआईजी ने सबसे पहले कैदी बैरक का जायजा लिया। बैरक के बाहर कमजोर और छोटे ताले लगे देख वे नाराज़ हो गए और उन्होंने कहा कि “बक्सा में लगाने वाले ताले से बैरक की सुरक्षा कैसे होगी?” उन्होंने तत्काल मजबूत और बड़े ताले लगाने का निर्देश दिया।

निरीक्षण के दौरान परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच भी की गई। कई जगह तकनीकी गड़बड़ी और खराब एंगल की शिकायत पर डीआईजी ने सभी कैमरों को दुरुस्त कर उनके एंगल सही करने को कहा। कैदी बैरक की सीढ़ियों पर कैमरे नहीं होने पर भी उन्होंने नाराज़गी जताई और सीढ़ियों पर कैमरा लगाने का निर्देश दिया। इसके बाद डीआईजी नौशाद आलम ने माननीय प्रिंसिपल जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिवाकर पांडेय से शिष्टाचार भेंट की और उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया। डीआईजी ने बताया कि मुलाकात के दौरान उन्होंने कैदियों के परिजनों द्वारा लाये गए फल-फ्रूट जैसे सेव, केला आदि जेल के अंदर ले जाने की अनुमति देने के अनुरोध पर भी चर्चा किया।

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डीआईजी ने कोर्ट परिसर के पीछे संतरी ड्यूटी पर तैनात जवानों के शेड का भी निरीक्षण किया। वहां पंखा और साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं मिलने पर उन्होंने नाराज़गी जताते हुए कहा कि “दिन-रात ड्यूटी करने वाले जवानों को भी पंखा, बिजली और साफ-सफाई की सुविधा मिलनी चाहिए।” इस पर उन्होंने तुरंत पंखा लगवाने और परिसर की घास-फूस साफ कराने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान डीआईजी ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि न्यायालय परिसर की सुरक्षा में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात जवानों को भी निर्देश दिए कि गवाहों और गवाही के लिए आने वालों से मानवीय व्यवहार करें और परिसर में संदिग्ध अपराधियों पर कड़ी नजर रखें।

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