लाइव पलामू न्यूज : बुधवार को अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने अपने साप्ताहिक कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” के तहत ढोल, नगाड़ा, मांदर, देशी बैंड, भांगड़ा आदि व्यवसाय से जुड़े कलाकारों को आमंत्रित कर उनकी समस्याओं को जाना। इस दौरान वाद्य कलाकारों ने अपनी जीविका पर आए संकट को लेकर अपनी व्यथा साझा की और डीजे संस्कृति के बढ़ते प्रभाव को मुख्य कारण बताया।

इस दौरान वादकों ने बताया कि डीजे के प्रचलन ने उनकी रोजी-रोटी छीन ली है । जिसके कारण उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा हैं। कई कलाकारों को मजबूरी में अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ा। वहीं कुछ ने पेशा ही बदल लिया।वहीं भांगड़ा संचालक वाल्मीकि कुमार ने बताया कि उनका भांगड़ा समूह 20 लोगों के रोजगार का साधन था, लेकिन डीजे के कारण उनकी आय खत्म हो गई।

उन्होंने सभी कलाकारों को किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से जोड़ने की मांग की। वहीं बिनाका बैंड संचालक नंदलाल ने कहा कि परंपरागत बैंड-बाजा व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए लघु ऋण की जरूरत है। एक व्यक्ति ने बताया कि लोग आजीविका के लिए पलायन को मजबूर हो रहे हैं।

वहीं महेंद्र राम ने कहा कि उन्होंने अपने बेटों को इस व्यवसाय अपनाने से केवल इसलिए रोक दिया, क्योंकि इससे गुजर-बसर मुश्किल हो गया है। वहीं कुछ कलाकारों ने बताया कि डीजे पर प्रतिबंध से उनकी आजीविका फिर से पटरी पर आने की उम्मीद है।

गुजरात से लौटे अखिलेश ने बताया कि वे डीजे बैन के बाद दोबारा ढोल-भांगड़ा का काम शुरू करने के लिए गांव लौटे हैं।एसडीएम ने सभी समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि वादकों को लघु ऋण उपलब्ध कराने के लिए पहल की जाएगी।कार्यक्रम के अंत में एसडीएम ने सभी वादकों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।

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