लाइव पलामू न्यूज/मेदिनीनगर: झारखंड विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो गयी है। राज्य में दो चरणों में चुनाव होगा। पहला 13 नवंबर और दूसरा चरण 20 नवंबर को होगा। वहीं चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को आयेंगे‌ ।इधर, तारीखों की घोषणा के बाद झारखंड पुलिस भी चुनाव की तैयारियों में जुट गयी है। जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हो सके।

इसे लेकर झारखंड पुलिस की नजर 63 बड़े नक्सलियों पर है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने को लेकर झारखंड को 100 कंपनी अर्द्धसैनिक बल मिल गया है। इनमें सीआरपीएफ, सीआइएसएफ, बीएसएफ, एसएसबी और आइटीबीपी शामिल हैं। इन बलों को राज्य के सभी 24 जिलों में तैनात किया जायेगा।

इन बड़े 63 नक्सलियों पर रखी जायेगी नजर

झारखंड पुलिस की नजर जिन 63 बड़े नक्सलियों पर रहेगी उनमें राजू यादव, गुलशन उरांव, विरेंद्र गंझू, जितेंद्र सिंह, अकेला, शिवराज, प्रभात, लवलेश गंझू, कुंदन खेरवार, पप्पू शर्मा, मृत्युंजय, रविंद्र गंझू, छोटू खेरवार, मनोहर गंझू, मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, चमन, रघुनाथ हेंब्रम, अजय महतो, संजय महतो, साहेबराम मांझी, अमोद मोदक,साधु चरण, सुलेमान हांसदा, राहुल चंपिया, सागेन अंगरिया, सालुका कायम, सामएल बूढ़, सहेंद्र यादव, करीम, आक्रमण गंझू और ब्रजेश गंझू, फिरोज अंसारी और अनिल तुरी,लालचंद्र हेंब्रम, कुंवर मांझी, रणविजय महतो,प्रयाग मांझी, मोछू, रामप्रदास मारडी, पांचा उरांव, बलराम लोहरा, मार्टिन केरकेट्टा,राजू भुइया, पंकज कोरवा,कृष्णा यादव, जयंती, गुलशन मुंडा, अमित मुंडा,सहदेव सोरेन, बिरसेन गंझू, सहदेव महतो,बिरेन सिंह, प्रभात मुंडा, आरिफ, गोदराय यादव और रविंद्र यादव का नाम शामिल है।

झारखंड में अब सिर्फ चाईबासा जिला है घोर नक्सल प्रभावित

अब झारखंड का एकमात्र जिला चाईबासा है, जो देश के घोर नक्सल प्रभाव वाले 12 जिलों में शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के वामपंथ उग्रवाद डिविजन ने अप्रैल 2024 में देशभर की नक्सल समस्याग्रस्त जिलों की सूची जारी की थी। इसमें नौ राज्यों के 38 जिले शामिल थे. इनमें झारखंड के पांच जिलों (गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और चाईबासा) को नक्सल प्रभावी जिला माना गया था।
राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया गया था लोकसभा चुनाव

बता दें कि झारखंड में लोकसभा चुनाव 2024 शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया गया था। झारखंड पुलिस की विशेष रणनीति के बल पर नक्सलियों की तमाम हिंसा की साजिश को नाकाम कर शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराया था। अब झारखंड पुलिस के सामने विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने की चुनौती है। झारखंड पुलिस का मानना है कि चुनाव में नक्सली हिंसा पुरानी बात हो गयी है।विधानसभा चुनाव में भी झारखंड पुलिस बेहतर काम करेगी।

 

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