लाइव पलामू न्यूज : दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात पलामू निवासी महिमानंद शुक्ला शहीद हो गए। वहीं उनका शव के गांव आने पर महिमानंद अमर रहे के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। उल्लेखनीय है कि महिमानंद शुक्ला सीआरपीएफ में थे और नक्सल विरोधी अभियान में तैनात थें। 11 फरवरी को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में वे बारूदी सुरंग विस्फोट की चपेट में आ गए। इस घटना में उनके दोनों पैर उड़ गए थें। गंभीर हालत में उन्हे रायपुर में भर्ती कराया गया था जहां अंततः महिमानंद जिंदगी की जंग हार गये।

गुरुवार देर रात महिमानंद शुक्ला का पार्थिव शरीर पलामू के लेस्लीगंज स्थित उनके पैतृक गांव कमलकेड़िया पहुंचा। पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचने के बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया और महिमानंद के लिए पूरा इलाका अमर रहे के नारों से गूंज उठा। महिमानंद अपने पीछे एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए।

सीआरपीएफ आईजी समेत अन्य अधिकारियों ने शहीद जवान को दिया कंधा :

पिछले कुछ सालों से वे दंतेवाड़ा में नक्सल विरोधी अभियान में तैनात थें। ‌अंतिम संस्कार से पहले चतरा सांसद कालीचरण सिंह, विधायक डॉ. शशि भूषण मेहता, सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर आईजी साकेत सिंह, पलामू डीआईजी वाईएस रमेश, सीआरपीएफ डीआईजी पंकज कुमार समेत पलामू के कई पुलिस अधिकारियों ने उन्हें सलामी दी। इसके साथ ही सीआरपीएफ आईजी समेत अन्य अधिकारियों ने शहीद जवान को कंधा भी दिया।

राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार :-

महिमानंद शुक्ला का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान सीआरपीएफ की टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी। शुक्रवार को महिमानंद का कमलकेड़िया में अमानत नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया।

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