लाइव पलामू न्यूज/रांची: बुधवार को सूबे के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राज्य में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाने की मांग वाले विधेयक को वापस कर दिया है। गौरतलब है कि इस विधेयक में आरक्षण को बढ़ाते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग कोटे को 14% से बढ़ाकर 27% और अनुसूचित जनजाति के कोटे को 26% से बढ़ाकर 28% और अनुसूचित जाति को 10% से बढ़ाकर 12% करने का है। अगर यह बिल पारित होता है तो राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण को शामिल करने के साथ सरकार की नौकरियों में कुल आरक्षण 77 प्रतिशत हो जाएगा।
इस मामले में राज्यपाल के कार्यालय के अधिकारी ने कहा कि यह बिल भारत के अटॉर्नी जनरल से कानूनी राय के आधार पर लौटाया गया है। उन्होंने बताया कि झारखंड के पिछले राज्यपाल रमेश बैस ने इस बिल को अटॉर्नी जनरल को भेजा था। उन्होंने कहा कि इस बिल में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ध्यान नहीं रखा गया है। बताते चलें कि इस बिल को नवंबर महीने में पारित किया गया था।