LIVE PALAMU NEWS DESK : सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें सीजेआई पद की शपथ दिलाई। वहीं उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में उन्होंने सीजेआई पद की शपथ ली।

उल्लेखनीय है कि जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गया। वह साढ़े छह महीनों के लिए इस पद पर रहे। 63 वर्षीय जस्टिस सूर्यकांत का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा। 9 फरवरी, 2027 को वह रिटायर होंगे।

कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत :

हरियाणा के हिसार में 10 फरवरी 1962 के जन्मे सूर्यकांत सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थें। पूर्व सीजेआई बी आर गवई ने अपने फेयरवेल में भी जस्टिस सूर्यकांत के साथ अपनी दोस्ती के बारे में बात करते हुए बताया था कि वह दोनों काफी सामान्य परिवार से आते हैं। सीजेआई सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्मेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर 1984 में लॉ में बेचलर की डिग्री ली।

उन्होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1984 में हिसार में ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी और 1985 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे।

साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। साल 2011 में सीजेआई सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स किया, जिसे उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ ‘फर्स्ट क्लास फर्स्ट’ से पास किया। वह 2018 में उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज अपॉइंट किए गए।


 

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